Amrit Vele Ka Hukamnama (HINDI) Gurdwara Sri Guru Singh Sabha C Block Hari Nagar – 17-10-24

धनासरी छंत महला ४ घरु १ ੴ सतिगुर प्रसादि ॥
हरि जीउ क्रिपा करे ता नामु धिआईऐ जीउ ॥ सतिगुरु मिलै सुभाइ सहजि गुण गाईऐ जीउ ॥ गुण गाइ विगसै सदा अनदिनु जा आपि साचे भावए ॥ अहंकारु हउमै तजै माइआ सहजि नामि समावए ॥ आपि करता करे सोई आपि देइ त पाईऐ ॥ हरि जीउ क्रिपा करे ता नामु धिआईऐ जीउ ॥१॥ {पन्ना 690}

अर्थ: हे भाई! अगर परमात्मा खुद कृपा करे, तो उसका नाम सिमरा जा सकता है। अगर गुरू मिल जाए, तो (प्रभू के) प्रेम में (लीन हो के) आत्मिक अडोलता में (टिक के) परमात्मा के गुण गा सकते हैं। (परमात्मा के) गुण गा के (मनुष्य) सदा हर वक्त खिला रहता है, (पर ये तब ही हो सकता है) जब सदा कायम रहने वाले परमात्मा को स्वयं (ये मेहर करनी) पसंद आए। (गुणगान की बरकति से मनुष्य) अहंकार, अहम्, माया (का मोह) त्याग देता है, और आत्मिक अडोलता में हरी-नाम में लीन हो जाता है। (नाम-सिमरन की दाति) वह परमात्मा खुद ही देता है, जब वह (ये दाति) देता है तब ही मिलती है। हे भाई! परमात्मा कृपा करे, तो उसका नाम सिमरा जा सकता है।1।

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