Amrit Vele Ka Hukamnama (HINDI) Gurdwara Sri Guru Singh Sabha C Block Hari Nagar – 4-10-24

टोडी महला ५ ॥
रसना गुण गोपाल निधि गाइण ॥ सांति सहजु रहसु मनि उपजिओ सगले दूख पलाइण ॥१॥ रहाउ ॥ जो मागहि सोई सोई पावहि सेवि हरि के चरण रसाइण ॥ जनम मरण दुहहू ते छूटहि भवजलु जगतु तराइण ॥१॥ खोजत खोजत ततु बीचारिओ दास गोविंद पराइण ॥ अबिनासी खेम चाहहि जे नानक सदा सिमरि नाराइण ॥२॥५॥१०॥ {पन्ना 713-714}

अर्थ: हे भाई! (सारे सुखों के) खजाने गोपाल प्रभू के गुण जीभ से गाते हुए मन में शांति पैदा हो जाती है, आत्मिक अडोलता पैदा होती है, सुख पैदा होता है, सारे दुख दूर हो जाते हैं।1। रहाउ।

हे भाई! प्रभू सारे रसों का घर है उसके चरनों की सेवा करके (मनुष्य) जो कुछ (उसके दर से) माँगते हैं, वही कुछ प्राप्त कर लेते हैं, (निरा यही नहीं, प्रभू की सेवा-भक्ति करने वाले मनुष्य) जन्म और मौत दोनों से बच जाते हैं, संसार-समुंद्र से पार लांघ जाते हैं।1।

हे भाई! खोज करते-करते प्रभू के दास असल तत्व को समझ लेते हैं, और प्रभू के ही आसरे रहते हैं। हे नानक! (कह– हे भाई!) अगर तू कभी ना खत्म होने वाला सुख चाहता है, तो सदा परमात्मा का सिमरन किया कर।2।5।10।

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